क्या आप एक Accounting के Student है, और अभी-2 आपने Accounts को पढ़ना शुरू किया है मगर आपको Accounting के Words समझ मे नही आते है। क्या आपके साथ भी ऐसी समस्या आती है कि आप जब भी Accounts पढ़ते है आपको Accounts की शब्दावली समझ मे नही आती, तो आज का ये article पढ़ने के बाद आपको accounting terms समझ मे आने लगेगा, क्योंकि आज हम जानेंगे कि Accounting Terminology क्या है? आइये जानते है।
अक्सर ऐसे Students जो अभी Class10 th पास किये है और वो आगे Accounts को लेते है मगर उनकी समझ मे नही आता है, जो Accounts की Terminology होती है। ऐसे में बहुत Students को Confusion होती है तो अगर आपको भी ऐसी Confusion है तो इस आर्टिकल को end तक पूरा पढिये।।
Accounting Terminology क्या है? अकाउंटिंग की शब्दावली हिन्दी मे जाने
दोस्तो जैसे हम Science लेते है तो उसके कुछ अपनी Terminologies होती है, कुछ words होते है उसी की तरह Accounts के भी कुछ Terms होते है जिनको हम use करते है, अपने business में Accounting करने के लिए, इन्ही Terms को सरल भाषा मे हम लोग Accounting Terminology कहते है।।
अगर आप एक Accounts के Student है, या फिर आप एक Tally student है तो शुरुआत के दौर में आपको इन Accounting words की meanings समझ मे नही आती है, उन सभी Terms को हिंदी में क्या कहते है, इनका आखिर क्या मतलब होता है इसी की जानकारी आज के आर्टिकल में आपको मिलने वाली है, तो आइये आगे चलते है।।
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Various Accounting Terminology in Hindi पूरी जानकारी
आइये Accounting के various Terminology के बारे में detailed में जानते है।।
1: व्यपार (Trade):- Trade का मतलब ये है कि लाभ कमाने के उद्देश्य से किया गया वस्तुओ का क्रय विक्रय ही व्यपार कहलाता है।
2:व्यवसाय (Business):- कोई एक ऐसा वैधानिक कार्य, जो आय income लाभ प्राप्त करने के purpose से किया जाता है वो व्यवसाय (Business) कहलाता है।
व्यवसाय एक व्यापक शब्द है जिसके अंतर्गत उत्पादन ,वस्तुओं, सेवाओ का क्रय विक्रय, बैंक,बीमा परिवहन कंपनीया आदि आते है।
3: पेशा (Profession):- आय अर्जित करने के लिए किया गया कोई भी काम या फिर साधन जिसके लिए पूरा प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है उसको हम पेशा कहते है। जैसे कि- Doctor, Teacher, Engineer आदि के द्वारा किये गए काम पेशा कहलाते है।
4:- मालिक (Owner):- वह व्यक्ति या वस्तुवों का समूह जो व्यपार में आवश्यक पूँजी लगाते है, व्यपार का संचालन करते है तथा लाभ व हानि के अधिकारी होते है वो व्यपार के मालिक owner कहलाते है।
यदि किसी व्यपार का मालिक कोई एक ही व्यक्ति है तो वह एकाकी व्यपारी (Propwriter) कहलाता है।
यदि मालिक दो या दो से अधिक व्यक्ति है तो साझेदार (Partners) कहलाते है।
यदि बहुत से लोग मिलकर संगठित रूप से कंपनी के रूप में कार्य करते है तो वे उस कंपनी के अंशधारी मतलब की (Shear holder) कहलाते है।
5:पूंजी (Capital):- व्यपार का स्वामी जो रुपए, माल ,सम्पति आदि चीजे व्यपार में लगाता है उसको ही हम पूंजी कहते है।
Example:- रोहन ने 20000 रु नगद लिए और 10000 रु के माल से एक computer की दुकान खोली तो ऐसी स्थिति में उसकी इस व्यपार में लगी हुई पूंजी 30000 रु होगी। व्यपार में लाभ होने पर पूंजी बढ़ती है और हानि होने पर पूंजी घटती है।
6: माल (Goods):- माल उस वस्तु को कहते है जिनका क्रय और विक्रय व्यपार में किया जाता है। माल के अंतर्गत वस्तुओ के निर्माण हेतु प्राप्त सामग्री हो सकते है।
Example:- वस्त विक्रेता द्वारा खरिदा गया कपड़ा, उस व्यपारी के लिए goods माल है।
7:- आहरण (Drawing):- व्यपार का स्वामी अपने निजी खर्च के लिए समय-2 पर व्यपार में से जो रुपए या फिर माल निकालता है तो वह उसका आहरण (Drawing) या निजी खर्च कहलाता है।
8:- क्रय (Purchase):- वो सभी items जिसको sale करने के purpose से खरिदा जाता है वो Purchase कहलाती है। व्यपार में माल उधार या फिर नगद खरिदा जा सकता है।
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9:- विक्रय (Sale):- वो सभी items जिसको हम sale करते है वो sale कहलाती है। मतलब की जो माल बेचा जाता है उसको हम विक्रय कहते है। आपको बता दु की जो माल नकद बेचा जाता है उसको नकद विक्रय मतलब Cash sale कहते है और जो माल उधार बेचा जाता है उसको हम credit sale कहते है।
10: क्रय वापसी (Purchase Return/Return Outward):- जब भी खरिदे गए माल में से कुछ माल विभिन कारणों से वापस कर दिया जाता है तो उसको हम क्रय वापसी (Purchase Return/Return Outward) कहते है। मतलब की Goods Return to the seller for any reason
11:-विक्रय वापसी (Sale Return/Return Inword):- जब बेचे गए माल का कुछ भाग विभिन कारणों से व्यपारी लौटा देता है तो इस प्रकार की वापसी को हम विक्रय वापसी (Sale Return/Return Inward) कहते है। मतलब की Goods Return by the customer for any reason
12:- रहतिया (Stock):- वो सभी items जिनको हमने अभी नही बेचा है वो हमारा stock कहलाता है। और दूसरी भाषा मे ये कह सकते है कि वो सभी items जो अभी मेरे Godown में है, जिसको मैंने Sale out नही किया है वो Stock कहलाता है।
साल के अंत मे जो माल बिना बिके रह जाता है उसको हम Closing Stock कहते है। और अगले साल के पहले दिन वही माल हमारा Opening Stock कहलाता है।
13:-Cost:- जो माल मैंने बेचा है उसकी cost क्या है, वही को हम cost कहते है।
14:- लेनदार (Creditor):- वह व्यक्ति या फिर संस्था जो किसी अन्य व्यति या संस्था को उधार पर माल या सेवाएं बेचती है वो लेनदार (Creditor) कहलाते है।
15:- देनदार (Debtors):- वह व्यक्ति या फिर कोई संस्था जो किसी अन्य व्यति या संस्था से माल या सेवाएं या फिर रुपए उधार देती है वो देनदार (Debtors) कहलाते है।
16:- दायित्व (Liabilities):- Liabilities हमारी देनदारी होती है। Liabilities हमारी वो Activities होती है जो owner को छोड़कर हमे सबको देनी होती है या फिर ऐसा कह सकते है कि वो सभी Activities जो व्यपार को अन्य व्यतियो अथवा अपने स्वामी या फिर स्वामी के प्रति चुकाने होते है वो दायित्व (Liabilities) कहलाते है।
दायित्व (Liabilities) मुख्यतः दो प्रकार की होती है।
1:-स्थायी दायित्व (Long term/Fixed Liabilities):
2:-चालू दायित्व (Short Term/ Current Liabilities):
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17:- सम्पति (Assets):- हमारे व्यपार में समस्त वस्तुवें जो व्यपार संचालन में सहायक होती है वो सम्पति (Assets) कहलाती है।
सम्पति (Assets) मुख्यतः दो प्रकार की होती है।
1:- अचल संपत्ति (Fixed Assets)
2:- चल सम्पति (Current Assets)
18:- Expenditure:- ये वो ख़र्चे होते है जिनके लिए मैंने pay करा होता है, ऐसे खर्चे जिसको मैंने pay किया और लाभ मिला।
19:- व्यय (Expenses):- हमारे माल के उत्पादन और उसे बेचने में जो भी खर्चे होते है वो व्यय (Expenses) कहलाते है। Example:- Electricity Expenses, Rent , Salary etc.
व्यय (Expenses) मुख्यतः दो प्रकार के होते है।
1:- प्रत्यक्ष व्यय ( Direct Expenses)
2:- अप्रत्यक्ष व्यय ( Indirect Expenses)
1:- प्रत्यक्ष व्यय ( Direct Expenses):-ये वो खर्चे होते गई जिन्हें व्यपारी माल खरीदतें वक़्त करता है।( Direct Expenses) वस्तु की लागत का एक हिस्सा होता है। गाड़ी भाड़ा,मजदूरी,फैक्ट्री की बिजली आदि प्रत्यक्ष व्यय ( Direct Expenses) के अंतर्गत आते है।
2:- अप्रत्यक्ष व्यय ( Indirect Expenses) वो सभी expenses जिनका संबध वस्तु के क्रय या उसके निर्माण से ना होकर वस्तु की बिक्री या कार्यलय संबधी होता है।अप्रत्यक्ष व्यय ( Indirect Expenses) कहलाते है।
इसके अंतर्गत वो expenses है जैसे कि विज्ञापन,विक्रय पर गाड़ी भाड़ा,बिजली का बिल,Discount इत्यादि।
20:- राजस्व (Revenue):-Goods या service को market में sale करने पर उससे जो प्राप्ति होती है उसको ही हम राजस्व (Revenue) कहते है।
21:- छूट (Discount):-व्यपारी द्वारा अपने customers को दी जाने वाली रियासत ही Discount कहलाती है।
22:- Bad Debts:- व्यपारी को उधार बेचे गए माल की पूरी रकम Debtors यानी देनदारों से प्राप्त हो जाये ये आवश्यक नही है इसलिए इस उधार की रकम में से जो वसूल नही हो पाती है उसे व्यपारी का Bad Debts कहते है।
23:- Voucher:- व्यपार संबंधी सभी व्यवहार व लेन देन के प्रमाण के लिए जो documents दिए या फिर लिए जाते है उन्हें हम voucher कहते है। business में जो भी transactions होते है उनको टैली सॉफ्टवेयर में record करने के लिए हम vouchers का उपयोग करते है।
24:- Balance sheet:- कंपनी का statement, जो कंपनी की सारी details आपको बताता है उसी को हम Balance sheet कहते है।
Balance sheet एक written स्टेटमेंट होता है,जो कंपनी के details को दिखाता है कि कंपनी profit कर रही है या फिर loss balance sheet को हम साल के end में बनाते है।
क्या मैं इन Accounting Terms को बिना जाने, Tally सीख सकता हूं?
मैं Tally Course कर रहा हु, मगर मुझे Accounting के words समझ मे नही आते है? क्या मैं इस terms को बिना जाने Tally सीख सकता हू?
ऐसा सवाल आपके mind में भी जरूर से आता होगा, तो इसका जवाब मैं आपको बताना चाहूंगा कि अगर आप Accounts के Terms को जानेंगे ही नही, ये ही नही जानेंगे कि Debit क्या है? Credit क्या है, Expense क्या है तो आप कैसे Tally में काम कैसे कर पाएंगे।
इसके लिए आपको Accounting की सभी शब्दावली को जानना बहुत ही जरूरी होगा, आप इस आर्टिकल को पूरा पढिये और आप आसानी से सभी terms की हिंदी परिभाषा को आसानी से जान जायेगे।।
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पोस्ट से संबंधित सारांश:-
आज की इस आर्टिक्ल मे मैंने आपको बताया की Accounting क्या है? Accounting Terminology क्या है? अकाउंटिंग की शब्दावली हिन्दी मे जाने? एकाउंटिंग का क्या उपयोग है से संबन्धित सभी जानकारी आज मैंने आपको दी।
अगर आपको अकाउंटिंग से संबन्धित कोई भी परेशानी हो, तो आप मुझे मेल कर सकते है , मैं जल्दी ही आपकी परेशानी को दूर करने की पूरी कोशिश करुगा। मैं उम्मीद करता हु की आपको ये आर्टिक्ल पसंद आया होगा, अगर आपको ये आर्टिक्ल पसंद आया हो तो इसको सोश्ल मीडिया पर अपने दोस्तो के साथ जरूर से शेयर कीजिए, जिस से उनको भी ये जानकारी प्राप्त हो सके।
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Thanks
Bhi mai bhe prayagraj sa hu aap sa kux bat krni thi…