अगर आप एक कॉमर्स के स्टूडेंट है, और आप जानना चाहते है कि Accounts क्या है? Accounts कितने तरह के होते है? Accounts में debit और Credit का वास्तविक अर्थ क्या है, तो ये article आपके लिए बहुत ज्यादा खास होने वाला है क्योंकि आज हम Types of Accounts और Accounting को deep में समझने की पूरी कोशिश करेंगे।
अक्सर मेरे पास ऐसे सवाल आते रहते है कि हम किसको debit करे, किसको Credit करे, Students को इसमे काफी ज्यादा problem होती है, और वो समझ नही पाते है Debit and Credit के Golden rules, तो अगर आप डेबिट और क्रेडिट के rules को proper way में जानना चाहते है तो ये article आपके लिए बहुत खास होने वाला है।
Accounts क्या है? Types of Accounts in Hindi 2024 आइये जाने
Accounts एक तरह की art है जिसके अंदर हम Recording करते है, classifying करते है और summarizing करते है एक proper significant manner की तरह।
यहाँ पर recording का मतलब है कि data को record करना। Classifying का मतलब है उनको एक जगह से उठाकर दूसरे जगह पर रखना, Summarizing का मतलब है कि उसको उसकी सही जगह पर पहुचाना, Significant manner का मतलब है कि कई तरीके से रखना।
इन सभी factors को मिलाकर हम Account को define करते है।
दोस्तो अगर बात की जाए आज से कुछ साल पुराने जमाने की तो हम Accounts को एक Diary या Register में maintain किया करते थे, क्योंकि उस समय Technology उतना थी नही मगर जब से Computer आया है तब से हम Manual accounting करने के बजाय आज Computer में अपने Accounts को maintain करते है।
Modern Accounting आने के बाद से हमारा समय काफी कम हो गया है, Tally जैसे Advanced accounting software की मदद से आप आसानी से अपने busineas के Accounts को manage कर सकते है।
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Accounts कितने तरह के होते है? types of accounts? पूरी जानकारी जाने।
अगर बात की जाए Accounts के Types की तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि Accounts के 3 Types होते है, जिनपर आपकी पूरी accounting निर्भर करती है, आइये जाने।
- Personal Account
- Real Account
- Nominal Account
आइये Debit और Credit को विस्तार में जाने।
Debit:- जब किसी खाते के नाम पछ में प्रविष्टि की जाती है तो इसको नाम या debit करना कहते है। डेबिट से तात्पर्य है कि किसी का नाम लिखने से होता है यानी कि हमने यदि किसी को माल उधार बेचा है तो हम वह राशि किसी के नाम ही लिख देते है। यहाँ किसी के नाम पर वह राशि लिख देना ही debit कहलाता है। Debit को हम short में Dr लिखते है।
उदाहरण:- दीपक ने आपसे 1000 rs का माल खरिदा तो आपने क्या किया कि दीपक के नाम पर वो 1000 rs लिख दिए तो उसे commerce की भाषा मे debit कहते है, दीपक के account को debit करना होगा।
Credit:- क्रेडिट से तात्पर्य जमा करने से होता है यानी कि यदि हमने किसी को उधार कोई माल बेचा है और वह हमें वापस पैसा देता है तो हम उस व्यक्ति के नाम से उसके खाते में वह राशि Credit कर देते हैं मतलब की जमा कर देते है। क्रेडिट को हम short में Cr लिखते है।
उदाहरण:- शिवम को हमने goods बेचा है और उसने हमको पैसा दिया है तो उधार जब उसने खरिदा तो हमने उसके account को Debit किया और जब उसने हमको पैसा दिया तो हमने उस पैसे को उसके खाते में Credit कर दिया यानी पैसा उसके खाते में जमा कर दिया।।
Golden Rules of Accounting क्या है? Full Explained
Accounting को proper way में समझने के लिए accounts के कुछ Golden Rules बनाये गए है, अगर आप इन golden rules को follow करते है तो आप बहुत ही आसानी से Accounts को समझ जायेंगे।
जितने भी Students को debit और credit में परेशानी होती है उनको मैं बताना चाहूंगा कि आप पहले Accounts के golden rules को समझे, तभी आपके Concepts clear हो पाएंगे तो आइये जानते है, Rules of Accounting
1:-Personal Account (व्यतिगत खाता):- ऐसे सभी खाते जो किसी व्यक्ति, संस्था, बैंक, फर्म या फिर कंपनी से संबंधित होते है उनको हम Personal Account (व्यतिगत खाता) कहते है।।
Example:-Sandeep A/c, ABC pvt limited A/c, SBI Bank Account, Capital A/c, Drawing A/c etc
Rules of Personal Account:-
1:- व्यपार में वस्तु पाने वाले व्यक्ति के खाते को Debit करे।
2:- व्यपार में वस्तु लेने वाले व्यक्ति के खाते को Credit करे।
Debit the receiver, credit the giver
2:-Real Account (वास्तविक खाता/वस्तुगत खाता):- ऐसे सभी एकाउंट जो वस्तुओं से संबंधित होते है, ऐसी वस्तुए जिन्हें हम दाख सकते है, मगर महसूस नही कर सकते उन्हें हम Real Account (वास्तविक खाता/वस्तुगत खाता) कहते है।
Example:-Purchase A/c, cash account, furniture’s account, Building account, computer account etc.
Rules of Real Account:-
1:-व्यपार में आने वाली समस्त वस्तुओं के खातों को debit करे।
2:-व्यपार से जाने वाली समस्त वस्तुओं के खातों को credit करे।
Debit was come in
Credit was goes out.
3:-Nominal Account ( नाममात्र का खाता/अवास्तविक खाता):- व्यपार में समस्त खर्चो और हानियों व लाभ, आय से सम्बंधित खातों को Nominal Account ( नाममात्र का खाता/अवास्तविक खाता) में
रखा जाता है।
Example:- Wages account, Salary account, Commission account, Rent account, etc
Rules of Real Account:-
1:- व्यपार के समस्त खर्चो व हानियों को Debit करे।
2:- व्यपार के समस्त लाभ व आय को Credit करे।
Debit all expenses and loss
Credit all income and gains.
आप इस Video को पूरा देखिए इसमे आपको full explain किया गया है कि Accounting क्या है, और साथ ही साथ Golden rules को कैसे apply करे, इसकी पूरी जानकारी आपको इस Video में जानने को मिलेगी, So Plz Must Watch This Video
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पोस्ट से संबन्धित सारांश :-
आज के इस पोस्ट मे मैंने आपको बताया की Accounting क्या है? Accounts कितने तरह के होते है? types of accounts Golden Rules of Accounting क्या है, इसकी जानकारी हिन्दी मे आपके साथ share की। अगर आपको कोई भी Problem हो तो आप मुझे मेल कर सकते है। मैं जल्दी ही आपकी परेशानी को दूर करने की पूरी कोशिश करुगा।
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